धरती बचाने की चुनौती

राष्ट्रीय राजधानी  क्षेत्र सहित कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक सि्थती में है । जिस कारण वहां आम नागरिकों को बहुत सारी बिमारियों से गुजरना पड़ रहा है। बुजुर्ग आदमी , बच्चों और गर्भवती महिलाओं प्रदूषित हवा के कारण नुकसान पहुंचने का डर है। विडम्बना है कि, यह स्थिति हर साल देखने को मिलती हैं। अधिकांशतः यह स्थिति ठंडी के मौसम नवंबर में ही देखने को मिलती हैं। दिल्ली की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि, वहां कि सारी प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। तथा वर्क फार होम भी कर दि गई है। 
    गौरतलब है कि, यह स्थिति की जिम्मेवार हम खुद है। हमे खुद में ऐसी सावधानी बरतनी चाहिए, जिससे इस प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो । दिल्ली सरकार ने सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों की ही मंजूरी दी है। ट्रक और गाड़ियों पर सख्ती बरती गई हैं। 6 सदस्यीय टीम की बैठक की गई हैं जो प्रदूषण फैलाने वाले चीजों पर नजर रखेंगे। तथा उनके विरुद्ध चलान काटी जायेगी। 
  गौरतलब है कि , पराली को प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण माना गया है, इन दिनों पराली जलाने पर रोक लगा दी गई है, फिर भी प्रदूषण जैसी की तैसी हैं। 
     राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिपावली के बाद हवा का जहरीला होना नियमित और गंभीर समस्या है। हवा में प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों की मात्रा मानक स्तर से कई गुना अधिक हो जाती हैं। चिकित्सकों का कहना है, वायु बच्चों के मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। जो,हाल ही में कोरोना जैसी बिमारियों से उभरे हैं उनके लिए यह और घातक है। उनको हृदय जैसी कई बिमारियों का सामना करना पड़ जाएगा। जो उनके लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है।
       यह स्थिति भारत सहित कई देशों में देखने को मिल रही है , लेकिन इसे खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से ऐसा कोई ठोस कदम नहीं चलाये गये हैं। आम जनता भी सरकार के भरोसे बैठी हुई है। विडंबना है कि, लोग अपनी शानो-शौकत दिखाने में इतने डुब चुके हैं, कि उन्हें जहरीली हवा, बिमारियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं। आप भी अपने आस पास नोटिस जरूर किया होगा, लोग टहलने के लिए कार जैसे वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, वह 1 किलोमीटर की दूरी भी साइकिल से नहीं, बल्कि कार से ही तय करते हैं ,‌‌‌‌‌‌जिसकी वजह हैं दिखावा जिसे हम इंग्लिश में Show - off बोलते हैं।

# pollution #Delhi #public 

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