हिंसक विरोध
एक बार फिर से नौजवान सड़क पर उतर आए हैं l कोई टायर जलाकर नई नीति की विरोध करने में लगे हैं, तो कोई ट्रेन की बोगियों, स्टेशनों तथा बसों को जलाकर विरोध कर रहे हैं l
प्रश्न यह है कि क्या इनके विरोध करने से सरकार अपनी नीति बदल लेगी? जो इतने बड़े स्तर पर लोग हिंसक विरोध कर रहे हैं l यह विरोध इतना अधिक बढ़ गया है कि बिहार के कई जिलों में दो दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, तथा यहाँ तक की बिहार बंद करने की नौबत आ गयी l
गौरतलब है कि यह परिस्थिति पिछले तीन दिन से देखने को मिल रहें हैं l यह सब सेना में भर्ती की नई नीति के विरोध में हो रहा हैं l
विडम्बना है कि कुछ लोग इस नीति को जाने बिना विरोध करने पर उतर आए हैं , उन्हें पता तक नहीं होगा कि इस नीति के क्या रंग - रूप है l
सरकार के अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की भर्ती की नीति अपनाई गई है l कोरोना काल में दो साल तक सेना की भर्ती ढ़प पड़ी हुई थी l मगर जब यह योजना आई तो सभी नवजवानों की आक्रोश फुट पड़ी l इस नीति में बस नौजवान चार साल तक ही सेवा में लगे रहेगें, इसका मतलब यह है कि नौजवान इसके लिए पूरी पढाई करगें , पूरी जी जान लगाने बाद वह बस चार साल तक ही अपनी देश की सेवा करगें उसके बाद उन्हें सरकार की तरफ से एक भी रूपये की राशि सहायता योग नहीं मिलेगी, मिलेगें भी तो बस एक स्टीफिकेट, जिसकी कोई गारंटी भी नहीं है कि आगे उन्हें पर्यावेट जांब मिल ही जाये l इसकी सरकार कोई गारंटी नहीं देती है, हाँ मगर यह सांत्वना जरूर दे सकती है कि उसके बाद आपको पर्यावेट जांब मिल जायेगें l आजकल तो बीए, M. A करने के बाद भी एक छोटी सी पर्यावेट जांब नहीं मिल पाती हैं, यूँ ही डिग्रीयाँ रखी रह जाती हैं तहखाने में, तो क्या उम्मीद करें कि चार साल बाद पर्यावेट जांब मिल ही जांए यह एक क्षुठी दिलाशा से ज्यादा कुछ नहीं लगतीं l
हालांकि सरकार का कहना है कि उसने बहुत विचार - विमर्श और दूसरे देशों की रक्षा प्रणाली का अध्ययन करने के बाद इस योजना की रूप रेखा तैयार की है , इससे देश की सेना में सबसे उर्जावान युवाशक्ति होगी l
इस योजना को लागू करने के बाद अभी भी सरकार इसे ठीक ढंग से समक्षा पाने में असमर्थ है l अब जनता भड़क पड़ी है, तो सरकार का कत्वर्य बनता है उसे शांतिपूर्ण समक्षा कर इस मामले को शांत करें l नहीं तो , जिस प्रकार नवजवानों का गुस्सा दिख रहा है, उससे लगता है अभी हिंसा शांत होने का नाम नहीं लेगी l
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